शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए, शब्द कितने प्रकार के होते हैं

शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए, शब्द कितने प्रकार के होते हैं

Contents show
शब्द विचार – परिभाषा, भेद और उदाहरण
शब्द किसे कहते हैं

 

शब्दों(shabd) की रचना ध्वनि और अर्थ के भेद से होतीहै। अतः शब्द मुख्य रूप से ध्वन्यात्मक होते हैं या वर्णात्मक । व्याकरण मेंध्वन्यात्मक शब्दों की अपेक्षा वर्णात्मक शब्दों का अधिक महत्व है। शब्द वाक्य में दूसरे शब्दों से मिलकर अपना रूप संभाल लेता है।

              शब्दों में परिवर्तन होते रहना भाषा की स्वाभाविक क्रिया है। इसी से किसी भाषा के जीवित होने का प्रमाण मिलता है। समय के साथ संसार की सभी भाषाओं के रूप बदलते हैं। हिन्दी भाषा भी इसी नियम का अपवाद नहीं है संस्कृत के अनेक शब्द हिन्दी में आए हैं। इनमें कुछ शब्द अपने मूल रूप में ज्यों के त्यों हैं जबकि कुछ देश काल एवं अन्य परिस्थितियों की आवश्यकता के कारण बादल गए हैं।

शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

वर्णों के व्यवस्थित या सार्थक मेल को शब्द कहा जाता है प्रत्येक शब्द का एक विशेष अर्थ होता है जिसका अर्थ होता है वही शब्द होते हैं।

उदहारण के रूप में देखें- 

यह पुस्तक मेरी है।

इस वाक्य में कई शब्द है जैसे यह, पुस्तक, मेरी, है 

‘यह’ शब्द कई वर्णों के मेल से बना है (य्+अ+ह्+अ) जिसका अर्थ होता है (किसी निकट के वस्तु को निर्देश करना, सर्वनाम शब्द भी है)

मेरी- म् + ए + र् + ई ( मैं, अपना)

पुस्तक – प्+उ+स्+त्+अ+क्+अ ( ग्रंथ, किताब)

है– ह्+ ऐ (होना)

इस प्रकार कई सार्थक शब्दों के मेल से वाक्य बनता है।

   जब कोई भी शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तो उन्हें पद कहा जाता है। प्रत्येक स्वतंत्र सार्थक वर्ण समूह शब्द कहलाता है पर जब उसका प्रयोग वाक्य में होता है तो वह स्वतंत्र नहीं रहता बल्कि व्याकरण की नियमों में बंध जाता है और उसका रूप भी बदल जाता है। तब वे शब्द न रह कर पद बन जाते हैं

 

शब्द किसे कहते है? ( shabd kise kahte hai?)

“ जिन वर्णों का निर्माण अर्थपूर्ण ध्वनियों के समूह से होते है, उन्हें शब्द(sentence) कहते हैं।

या

वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं। ’’

 

शब्दों का वर्गीकरण या शब्द भेद (shabd ke bhed)

सामान्यतः शब्द दो प्रकार के होते हैं

1. सार्थक शब्द      2. निरर्थक शब्द

1.  सार्थक शब्द किसे कहते हैं

 जिन शब्दों के अर्थ होते है, उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं; जैसे स्कूल, किताब, आम, बस रेलगाड़ी, खेत, किसान इत्यादि।

2. निरर्थक शब्द किसे कहते हैं

  जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता है, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं; जैसे वाय, वानी, विक्शा, ड़न, खह, पान, वेता इत्यादि।   

      कई बार सार्थक शब्दों के साथ निरर्थक शब्दों का प्रयोग होता है; जैसे चाय – वाय, खान – पान , रिक्शा – विक्शा। इन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता वाय, पान, विक्शा। ये निरर्थक शब्द हैं।

   शब्द कितने प्रकार के होते हैं

1. उत्पत्ति के आधार पर (utpati ke adhar par shabd)

2. रचना के आधार पर ( rachana ke adhar par shabd)

3. प्रयोग के आधार पर (prayog ke adhar par shabd)

4. अर्थ के आधार पर (arth ke adhar par shabd)

 

उत्पत्ति के आधार पर शब्द भेद कितने हैं

1. उत्पत्ति के आधार पर (utpati ke adhar par shabd): उत्पत्ति के आधार पर शब्द चार प्रकार के होते हैं।

i. तत्सम शब्द

ii. तद्भव शब्द

iii. देशज शब्द

iv. विदेशी शब्द

 

तत्सम शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

हिन्दी में प्रयोग किए जाने वाले संस्कृत के शब्दों को तत्सम शब्द कहते हैं। यह शब्द बिना किसी परिवर्तन के उसी रूप में हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं जिस रूप में वे रहते हैं जैसे – अग्नि, वानर, मयूर, सूर्य, स्वप्न, व्याघ्र, कपाट, जिह्वा आदि तत्सम शब्द है।

तद्भव शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

संस्कृत भाषा के ऐसे
शब्द जिनका हिन्दी में रूप बादल गया है
, या संस्कृत के ऐसे शब्द जो हिंदी में आते आते उसका रूप बदल जाता है, इन्हें तद्भव शब्द कहते हैं; जैसे आग, बंदर, मोर, सूरज, सपना, बाघ, किवाड़, जीभ आदि।

देशज शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

हिन्दी भाषा के अपने
शब्द देशज
कहलाते हैंं ऐसा शब्द जो अपने ही देश में बना है या बोलते-बोलते उन शब्दों का प्रयोग साहित्य में भी होने लगा है तो ऐसे ही शब्दों को देशज शब्द कहते है
; जैसे किचकिच, लोटा, पगड़ी, लकड़ी, खिड़की, रोटी, कलाई, पंगा, खिड़की, फुनगी, ठेठ, खाट, थूक, डाब, धँसू आदि।

 

विदेशी शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

हिन्दी भाषा में अनेक विदेशी भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इन्हें विदेशी शब्द कहते है।विदेशी भाषाओं के ऐसे शब्द जिनका प्रयोग हिंदी में किया जाता है विदेशी शब्द कहलाते हैं जैसे मोबाइल, कार, औरत, लफंगाा, गुलाम, गैरहाजिर, आलू आदि विदेशी शब्द है। 

कुछ तत्सम तद्भव शब्द

तत्सम शब्द तद्भव शब्द
सूर्य सूरज
हस्त हाथ
तृण तिनका
गौ गाय
महिषी भैंस
पानीय पानी
कपोत कबूतर
अक्षि आंख
कर्ण कान
अग्नि आग
रात्रि रात
आश्रु आंसू
जिह्व जीभ
पद पैर
दंत दांत
कुपुत्र कपूत

 

कुछ विदेशी शब्द

फ़ारसी

अरबी

          तुर्की         

इंगलिश

सरदार

अजब

आगा

एजेंसी

चश्मा

अमीर

उर्दू

कम्पनी

मुरगा

अक्ल

कालीन

कमीशन

दुकान

अल्लाह

काबू

क्रिकेट

शादी

आदमी

कैंची

गार्ड

अफ़सोस

इनाम

कुली

ट्यूशन

आमदनी

कब्र

तोप

पेंसिल

शादी

उम्र

तलाश

नर्स

मुफ़्त

कसंम

बहादुर

नंबर

तमाशा

कुर्सी

मुगल

दिसंबर

आराम

जवाब

बेगम

पार्टी

आवाज

दुआ

चमचा

प्लेट

खरगोश

नशा

लफ़ंगा

पेट्रोल

 

 रचना के आधार पर शब्द कितने प्रकार के होते हैं

 रचना के आधार पर या बनावट के आधार पर (rachana ke adhar par shabd ke bhed)

शब्दों अथवा वर्णों के मेल से नए शब्दों के बनने की क्रिया को रचना या बनावट कहते है। कई वर्णों के मेल से शब्द का निर्माण होता है। इसके छोटे अंश को शब्दांश कहते हैं। जैसे राम शब्द में दो खंड हैं रा और । इसके विपरीत कुछ शब्द ऐसे भी हैं, जिनके दोनों भागों के अलग-अलग भी अर्थ और महत्व है। अतः रचना या बनावट के आधार पर शब्द के तीन प्रकार है-

i. रूढ़ शब्द

ii. यौगिक शब्द

iii. योग रूढ़ शब्द

रूढ़ शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

जिन शब्दों को तोड़ने से सके अर्थ नहीं निकालते या उसके अंश सार्थक नहीं होते है वैसे शब्दों को रूढ़ शब्द कहते हैं; जैसे- नाक, पीला, घर, दाल, जलेबी आदि। इन शब्दों को तोड़ने पर उनके अर्थ नहीं होते – नाक = ना और क, घर= घ और र ।   

यौगिक शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

दो या दो से अधिक शब्दों से बने शब्दों को यौगिक शब्द कहते हैं इनको तोड़ने पर इनके प्रत्येक भाग का अर्थ निकलता है। जैसे : जलयान (जल+यान), पाठशाला(पाठ+ शाला), प्रधानमंत्री (प्रधान+ मंत्री) आदि।

 

योगरूढ़ शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

 ऐसे शब्द जो यौगिक तो होते हैं परंतु अर्थ के विचार से अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी परंपरा वाले विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं, योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं। जैसे

लंबोदर = लंबा + उदर ; लंबा है उदर जिसका अर्थात् गणेश

चक्रपाणि = चक्र + पाणि; चक्र है पाणि (हाथ) में जिसके अर्थात्  विष्णु  

लंबोदर (गणेश)

वीणापाणि (सरस्वती)

चंद्रशेखर (शिव)

प्रयोग के आधार पर शब्द कितने प्रकार के होते हैं

प्रयोग के आधार पर शब्द के भेद(prayog ke adhar par shabd)

प्रयोग के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं –

i. विकारी शब्द

ii. अविकारी शब्द

 

विकारी शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

जिन शब्दों में लिंग, वचन और कारक आदि के कारण विकार अर्थात् परिवर्तन आ जाता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं या लिंग, वचन, कारक आदि की दृष्टि से जो शब्द बदल जाते हैं, उन्हें विकरी शब्द कहते है। जैसे किताब, अपना, तुम, सुंदर, लिखना, पढ़ना आदि विकारी शब्द होते हैं  विकारी शब्द चार है  –

 i. संज्ञा      ii. सर्वनाम     iii. विशेषण     iv. क्रिया

संज्ञा किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

किसी भी नाम को संज्ञा कहते हैं चाहे वो व्यक्ति हो, वस्तु हो, स्थान हो या भाव हो सभी संज्ञा कहलाता है। जैसे- विवेक, बिहार, कलम, दर्द, बचपन आदि।

संज्ञा के पांच भेद है – व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा, द्रव्यवाचक संज्ञा, समूहवाचक संज्ञा।

सर्वनाम किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

संज्ञा के बदले में जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे ही सर्वनाम कहते हैं जैसे:- मैं, तुम, आप, अपने, वह, उसे इत्यादि।

सर्वनाम के 6 भेद होते हैं- पुरुषवाचक सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, प्रश्नवाचक सर्वनाम, संबंधवाचक सर्वनाम, निजवाचक सर्वनाम।

 

ख) अविकारी शब्द- जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक आदि की पुष्टि से विकार या परिवर्तन नहीं होता है लिंग, वचन, कारक आदि की दृष्टि से जो शब्द नहीं बदलते हैं, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। अविकारी शब्द चार होते हैं –

i. क्रिया-विशेषण     ii. संबंधबोधक     iii.   समुच्चयबोधक     iv. विस्मयादिबोधक

 

4. अर्थ के आधार पर शब्द के भेद (arth ke adhar par shabd)

अर्थ के आधार पर शब्द के पाँच भेद होते हैं –

 i. पर्यायवाची शब्द

ii. विलोम शब्द

iii. अनेकार्थी शब्द

iv. अनेक के लिए एक शब्द

v. श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द

Leave a Comment