कोरोना पर कविता हिन्दी में

 

कोरोना पर कविता हिन्दी में
कोरोना पर कविता

 

है ये कोरोना

थोड़ा तुम इस से डरोना

 

घर पर ही रुको तुम

साथ मिलकर इस से लड़ोना

है ये कोरोना

थोड़ा तुम इस से डरोना

 

लॉकडाउन का करो तुम पालन

थोड़ा तो परिवार और अपनों से प्यार करोना

है यह कोरोना

थोड़ा तो समझदार बनोना

 

हाथों को तुम धो बार-बार

आंख, नाक, मुंह को छूने से बचोना

है ये कोरोना

थोड़ा तुम इस से डरोना

 

आस लगाए बैठे हैं गरीब मां बाप,

न जाने कब आएंगे उनके लाडले

जो घर से दूर गए हैं कमाने

तुम थोड़ा सा उनकी भी मदद करोना

 

पहले से थे फैसला

उन परिवारों को अब तो दूर मत करोना

थोड़ी सी रहम उन पर भी दिखाओ ना

हे कोरोना इतना तो समझदार बनोना

 

रहो तुम खुद से सुरक्षित

डॉक्टर, नर्स और पुलिस का भी तो परवाह करोना

 

कईयों के परिवार छूट गए

कईयों के परिवार मिल गए

बस भी करो अब

हम पर थोड़ा तो रहम करो ना।

 

है यह कोरोना

थोड़ा तुम इससे डरोना

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