भूल गया है क्यों इंसान कविता का सारांश,भूल गया है क्यों इंसान कविता के प्रश्न उत्तर class 5

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इस पोस्ट में आपको पश्चिम बंगाल बोर्ड के पांचवी कक्षा के हिंदी से संबंधित प्रश्नोत्तर मिलेगा जो कक्षा पांचवी के हिंदी पुस्तक से पाठ दसवां ‘ भूल गया है क्यों इंसान?’ से लिया गया है।

१. संक्षेप में उत्तर दो।

१.१. इस कविता के रचयिता कौन है?

उत्तर: इस कविता के रचयिता हरिवंश राय बच्चन जी हैं।

१.२. कविता में किस के बारे में कहा गया है?

उत्तर: कविता में हम मनुष्यों के बारे में कहा गया है।

१.३. हमारी काया किस से बनी है?

उत्तर: हमारी काया मिट्टी से बनी है।

१.४. धरती ने क्या उपजाए?

उत्तर: धरती ने मानव यानी इंसान उपजाए।

१.५. हमारे ऊपर किसकी छाया है?

उत्तर: हमारे ऊपर नभ(आकाश) की छाया है।

१.६. बहु-देशों में कौन बसे हैं?

उत्तर: बहु-देशों में हम इंसान बसे हैं।

२. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में लिखो।

२.१.कविता इंसानों के बारे में क्या कह रही है?

उत्तर:
कविता इंसानों के बारे में कह रही है कि इंसान यह क्यों भूल जाता है कि इस धरती पर जितने भी इंसान है उन सभी का शरीर मिट्टी का ही बना है और उन पर पड़ने वाली आकाश की निर्मल छाया भी एक समान ही है। भले ही लोगों ने इस धरती को बांट कर अलग-अलग देश बना दिया हो लेकिन उन देशो में बसने वाले लोगों की प्राण एक ही है।

२.२. कविता के अनुसार हम कौन सी बात भूल गए हैं?

उत्तर:
कविता के अनुसार हम इन बातों को भूल गए हैं कि ईश्वर ने हमें इस धरती पर एक समान बनाया। एक ही धरती और एक ही आकाश दिए इसे देने में ईश्वर कोई भेद नहीं करता। लेकिन हम इंसान अपने स्वार्थ के लिए इन धरती और आकाश को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिए और एक इंसान दूसरे इंसान को अलग समझने लगे लेकिन हम सब एक समान ही है और हमारे अंदर जो प्राण है वह भी एक ही है इन्हीं सब बातों को इंसान भूल गया है।

२.३. यह कविता हमें कैसा मानव बनने की प्रेरणा दे रही है?

उत्तर:
यह कविता हमें एक अच्छे मानव बनने की प्रेरणा दे रही है जो दूसरे मानव को अपने समान समझे और एक-दूसरे से कोई भेदभाव ना रखे। और एक साथ मिलकर रहें।

२.४. मानव के साथ मानव का कैसा नाता होना चाहिए?

उत्तर:
मानव के साथ मानव का अच्छा नाता होना चाहिए उनमें कोई भेदभाव ना हो।

२.५. हमारी धरा पर विभिन्न देशों में क्या बसा हुआ है?

उत्तर:
हमारी धरा पर विभिन्न देशों में एक ही धरती के संतान यानी मानव या कहे इंसान बसा हुआ है।

२.६. ‘यहाँ नहीं कोई आया है ले विशेष वरदान।’ कहने का आशय क्या है?

उत्तर:
कवि हरिवंश राय बच्चन जी इस पंक्ति के माध्यम से कहते हैं कि जो भी इंसान इस धरती पर जन्म लेता है  या आता है तो अपने साथ कोई विशेष वरदान लेकर जन्म नहीं लेता है। सभी मनुष्यों को ईश्वर ने एक समान इस धरती पर भेजा और सभी को समान अधिकार दिये।

२.७. इस कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखो।

उत्तर:
हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखित इस कविता में कवि, मानव को अपने कर्तव्यों की याद दिलाते हुए कहते है कि इंसान यह क्यों भूल जाता है कि सभी मनुष्यों का शरीर मिट्टी का ही बना है। यह शरीर नाशवान है। यहाँ कोई भी अमर होकर नहीं आया है। ईश्वर सभी मनुष्य को इस धरती पर जन्म देता है और सबके ऊपर आकाश की निर्मल छाया समान रूप से ही पड़ती है। यह नभ सबको एक ही प्रकार से अपनी छाया प्रदान करता है।
आगे कवि कहते हैं कि ईश्वर ने मनुष्यों को जन्म दिया और मनुष्यों ने ईश्वर की दी हुयी इस धरती को ही बाँट कर अलग-अलग देश बना दिये। फिर भी उन देशों में धरती की संतान का ही बसेरा है। कवि फिर आगे कहते है कि माना,कि देश अलग-अलग है। उन देशों में रहने वाले इंसानों की वेश-भूषा, बोली, खान-पान सब कुछ अलग हैं फिर भी सभी मानव के शरीर में तो एक ही प्राण का वास है। एक ही ईश्वर की ज्योति सभी मानव के हृदय को पड़ती है, यह सच्चाई इन्सान क्यों भूल जाता है ?

३. निम्नलिखित शब्दों से तुकांत शब्दों की जोड़ी बनाओ।


(इंसान, दानव, छाया, वेश, बनाए, भूल, संतान, मानव, काया, देश, उपजाए, फूल)

उत्तर:
इंसान- संतान
दानव-मानव
छाया- काया
वेश- देश
बनाए-उपजाए
भूल-फूल

४. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग करो।


(मानव, संतान, विशेष, निर्मल, मिट्टी)

मानव: मानव इस संसार के अनमोल रत्न हैं।

संतान: हम सब ईश्वर के ही संतान हैं।

विशेष: हर व्यक्ति अपने जीवन में एक विशेष उद्देश्य को लेकर जीता है।

निर्मल: मानव ही एक ऐसा प्राणी है जिसका मन निर्मल होता है।

मिट्टी: हर इंसान का शरीर मिट्टी से ही बना होता है।

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