विज्ञापन के उद्देश्य, विज्ञापन के महत्व importance of advertisement in hindi

विज्ञापन के महत्व, विज्ञापन के उद्देश्य importance of advertisement in hindi, विज्ञापन का अर्थ क्या है विज्ञापन का महत्व क्या है? विज्ञापन के उद्देश्य क्या है vigyapan ke uddeshya anv mahatva

विज्ञापन का अर्थ क्या है विज्ञापन का महत्व क्या है? विज्ञापन के उद्देश्य क्या है vigyapan ke uddeshya anv mahatva

विज्ञापन क्या है (what is advertisement in hindi)

विज्ञापन वह विशेष ज्ञापन या सूचना है जो किसी उत्पाद अथवा सेवा के संबंध में अधिक से अधिक लोगों को जानकारी दे राके। दूसरे शब्दों में किसी समान या सेवा को बेचने के उद्देश्य से व्यवसायिक तौर पर लोगों को आकर्षित करने का तरीका विज्ञापन है।

विज्ञापन के माध्यम से लोगों को अर्थात ग्राहकों या खरीददारों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए विज्ञापन दाताओं को स्थान या समय खरीदना पड़ता है । जैसे किसी समाचार पत्र पत्रिका, पोस्टर या दीवार पर विज्ञापन लिखने के लिए विज्ञापन दाताओं को उस स्थान के उपयोग की कीमत चुकानी पड़ती है। इसी प्रकार यदि रेडियो या TV पर विज्ञापन दिए जाए तो वह सेकेंड या मिनट के हिसाब से समय खरीदते हैं।

विज्ञापन हो जनसंचार या जन संपर्क का एकतरफा माध्यम भी कहा जाता है क्योंकि विज्ञापन के जरीये जो सूचना या संदेश लोगो सूचना तक पहुंचता है उसकी तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिलती अर्थात परस्पर संवाद की स्थिति नहीं बनती।

विज्ञापन के महत्व (Important of advertisement in hindi)

आज के दौर में विज्ञान का महत्व कितना बढ़ चुका है यह इस बात से ही आंका जा सकता है कि दुनिया भर में विज्ञापनों पर प्रतिवर्ष खर्च होनेवाली राशि 400 अरब डॉलर है। इससे करोड़ो लोगों की आजीविका जुड़ी है । अगर कंपनियाँ विज्ञापनों पर खर्च नहीं कर रही होती तो TV रेडियों और समाचार पत्र, पत्रिकाओं का व्यवसाय भी फल फूल नहीं रहा होता । वर्तमान समय में विज्ञापनों का महत्व कई दृष्टियों से है।

i. विज्ञापन : विशेष सूचना के रूप में

विज्ञापन शब्द का शाब्दिक अर्थ विशेष सूचना अपने आप में इसके महत्व को बयां करता है । यह विशेष सूचना किसी उत्पाद विचार अथवा वस्तु से संबंधित विशेष जानकारी को उपभोक्ता तक पहुंचाने के उद्देश्य से विशेष होती है। इसके माध्यम से उपभोक्ता को संबंधित वस्तु उत्पाद या  विचार के बारे में प्रारंभिक जानकारी मिलती है। इससे यह  निर्णय लेने में होता है कि यह उत्पाद वस्तु या विचार उसके लिए  कितना उपयोगी है। उपयोगिता को इस मात्रा के अनुसार ही उपभोक्ता उसे खरीदने या न खरीदने का निर्णय करता है।

ii. विज्ञापन संचार माध्यम के रूप में

किसी भी वस्तु या विचार के प्रचार प्रसार के लिए विज्ञान का माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है। संचार प्रक्रिया में तीनों तत्वों का होना बहुत जरुरी हैं ।
i. स्रोत: अर्थात संचार प्रक्रिया का आरंभिक स्थल (विज्ञापन दाता)
ii. माध्यम: अर्थात जिसके जरिए स्रोत अपना संदेश देता है। (विज्ञापन)
iii. स्रोता: अर्थात संचार प्रक्रिया का अंतिम पड़ाव जहां संचार प्रक्रिया संपन्न होता है (उपभोक्ता)

इन तीनों तत्वों के होने पर ही संचार प्रक्रिया पूर्ण होती है। विज्ञापन भी इस प्रक्रिया में दूसरे तत्व की तरह उपयोग में लाया जाता है । विज्ञापनदाता किसी खास सूचना को विज्ञापन के माध्यम से उपभोक्ता तक पहुँचाता है। अतः संचार प्रक्रिया में विज्ञापन एक महत्वपूर्ण घटक है ।

iii. विज्ञपन : विज्ञान के सशक्त औजार के रूप

बाज़ार की इस गला काट प्रतियोगिता में विज्ञापन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । विज्ञापन किसी वस्तु या उत्पाद को बाजार में साख स्थापित करने तथा उसमें उपयोग हेतु उपभोक्ता को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । वर्तमान बाजार में उपभोक्ता के उपयोग हेतु उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न कंपनियों के उत्पाद उपलब्ध है। किन्तु उपभोक्ता उनमें से किसी उत्पाद को खरीदे या बाजार में स्थापित उस उत्पाद की सार पर निर्भर करता है । बाजार में जिस उत्पाद की साख सबसे अच्छी होगी उसी उत्पाद की विक्रय शक्ति अधिक होगी। किसी भी उत्पाद की साख को बाजार में स्थापित करने में विज्ञापन का अहम योगदान होती है। जिस उत्पाद का विज्ञापन जितना अधिक आकर्षण और प्रभावशाली उत्तीण होगा उस उत्पाद की साख बाजार में उतनी ही मजबूत होगी।

iv. विज्ञापन : वित्तीय प्रबंध के मुख्य संसाधन के रूप में

विज्ञापन के इस युग में चारों ओर विज्ञापन ही विज्ञापन है। चाहे वह अखबार, रोडयो टेलीविजन या पत्रिका हो अथवा इंटरनेट सड़क भेड़ों वा रेल हो। जहां आपकी नजर जाएगी वहाँ आपको विज्ञापन ही विज्ञापन नजर आएगा। आज जितने भी जन संचार के माध्यम है सभी विज्ञापन से लबालब है यूं कहें कि ये विज्ञापन के सहारे ही चल रहे हैं तो कोई अतिशयोक्ति न होगी । मिसाल के तौर पर अखबार को ही ले तो हम पाते है। कि वह हमें उसकी असली कीमत से कई गुणा कम  कीमत पर उपलब्ध हो जाता है तो क्या कारण है कि ये सब चल पा रहा है।  कारण है विज्ञापन। विज्ञापन वित्तीय प्रबंधन में महत्वपूर्ण सहायक की भूमिका निभाता है जितने अधिक विज्ञापन उतनी अधिक वित्त की मात्रा।

v. विज्ञापन आर्थिक क्षेत्र में

आज विज्ञापन व्यवसाय का रूप धारण करता जा रहा है। न जाने इसने कितने लोगो को रोज़गार प्रदान किया है यही नहीं विज्ञापन ने हर उत्पाद हर वस्तु को एक पहचान दी है। उसे लोगों तक पहुँचाया है। लोगों के मन मस्तिष्क में उस उत्पाद के बारे में चिंतन पैदा किया है। एफ पहचान ही है। आज विज्ञापन तेज़ी से विकसित होनेवाला व्यवसाय बन गया है। यही वजह है कि उद्योग आर्थिक रुप से मजबूत हुए हैं साथ ही इसने अन्य सभी उद्योगों को भी मजबूती प्रदान की है । विज्ञापन के अभाव में आज किसी भी व्यवसाय का अस्तित्व संभव नहीं है। विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य विज्ञापनदाता की आर्थिक लाभ पहुँचाना ही है । अत: विज्ञापन आर्थिक क्षेत्र में रीढ़ का कार्य करता है।

vi) विज्ञापन राजनीतिक क्षेत्र में

भारत लोकतांत्रिक राष्ट्र है। यहाँ पर शासन लोकतांत्रिक तरीके से होता है । अर्थात् सरकार के बनने उसके सुचारू रूप से चलने  एवं उसके बदलने में आम जनता की अहम भूमिका होती है।सरकार बनाने हेतु प्रगासरत विभिन्न राजनीतिक दलों एवं उनके  उम्मीदवारों की जानकारी जनता तक पहुंचाने हेतु विज्ञापन की अति महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी के माध्यम से जनता को उम्मीदवारों से रुबरु होने का मौका मिलता है। विज्ञापन भी उम्मीदवार की छवि को जनता के सामने स्थापित करता है और उसे पुराने हेतु जनता को बाह्य करता है। सरकार की नीतियां गतिविधियाँ एवं कार्यकलापों से जनता को अवगत कराने में भी विज्ञापन अहम भूमिका अदा करता है । विज्ञापन के द्वारा ही ये नीतियां सरकारी कार्यक्रम एवं सरकार की भविष्य की योजनाएं आम जनता तक पहुंचती है । तथा इन्हीं के मूल्यांकन पर सरकार का अस्तित्व टिका होता है अतः हम कह सकते हैं कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में विज्ञापन की अहम भूमिका है।

(vii) विज्ञापन सांस्कृतिक क्षेत्र में

मानवीय जीवन को बनाए रखने के लिए संस्कृति की अहम भूमिका है। संस्कृति के विकास इसके एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरण हेतु विज्ञापन की अहम भूमिका है। इतिहास गवाह है कि सभी कारों के समाजों में संस्कृति के हस्तांतरण एवं अन्य लोगों को अपनी संस्कृति से अवगत कराने हेतु अनेक त्योहार लोक कथाओं लोक नृत्यों एवं नाटकों के माध्यम का सहारा लिया जाता था जो विज्ञापन का ही रूप थे। संस्कृति के अस्तित्व को बनाए रखने हेतु विज्ञापन महत्वपूर्ण माध्यम है। सांस्कृतिक क्षेत्र में विज्ञापन को समझने हेतु हम उदाहरणस्वरूप देश के विभिन्न स्थलों पर स्थापित संग्रहालयों(म्यूजियमों) को देख सकते हैं। आदिकालीन संस्कृति से आज की पीढ़ी को परिचत कराते हैं। भोपाल, मध्यप्रदेश में स्थित मानव संग्रहालय इसका एक खूबसूरत उदाहरण है।

viii. विज्ञापन सामाजिक क्षेत्र में

समाज में विज्ञापन प्रेरक की भूमिका अदा करता है। समाज में लोगों के मध्य सामाजिक चेतना एवं जागरूकता पैदा करने के लिए विज्ञापनों का प्रयोग किया जाता है। ताकि समाज में व्यवस्था बनी रहे एवं सभी व्यक्ति का जीवन खुशहाली के साथ जिए। प्रौढ़ शिक्षा, भ्रूण हत्या, दहेज, पल्स पोलियो, परिवार कल्याण बाल विवाह नैतिक शिक्षा यौन शोषण आदि अनेक विज्ञापन के उदाहरण है जिनका उपयोग समाज में जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष:

अत: हम कर सकते हैं कि हमारे जीवन से जुड़ा ऐसा कोई भी पहलू न है जो विज्ञापन से अछूता हो। आज विज्ञापन हमारे जीवन के प्रति क्षेत्र को छूता है। सामाजिक आर्थिक राजनैतिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों के अलावा विज्ञापन मनुष्य को मनोवैज्ञानिक स्तर पर भी प्रभावित करता है। विज्ञापन दाता विज्ञापन के निर्माण के समय विज्ञापन के मनोविज्ञान पर विशेष ध्यान देता है। वह उसका निर्माण इस प्रकार करता है कि वह दर्शक के मन मस्तिष्क को छू सके उसके हृदय में एक गहरी छाप छोड़ें जो उसे बार-बार उस विज्ञापन की याद दिलाए तथा वह उसे खरीदने पर मजबूर हो जाए। इस हेतु सामान्य विज्ञापन की पृष्ठभूमि को आकर्षक बनाने का प्रयास किया जाता है। इसके लिए कभी-कभी प्यारे प्यारे बच्चों, सुंदर युवतियों प्रसिद्ध अभिनेता अभिनेत्रियों तथा आदेशों के माध्यम से विज्ञापन की विषय वस्तु को जोड़कर प्रस्तुत किया जाता है।
तो विज्ञापन के महत्व को इसी से समझा जा सकता है कि वर्तमान में विज्ञापन की पहुंच हर क्षेत्र में हो गई है। चाहे वह घर परिवार हो या दफ्तर सड़क कोलोनी हो या बस स्टैंड ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां पर विज्ञापन ना हो। इसलिए हमारे लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है।

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विज्ञापन के उद्देश्य (Aim of advertisement bin hindi)


विज्ञापन के निम्न उद्देश्य है-

१. वस्तु के प्रति परिचय देना:

विज्ञापन का महत्वपूर्ण उद्देश्य किसी सेवा या उत्पाद को संभावित उपभोक्ता से परिचित कराना होता है। मुद्रण माध्यमों स्थान और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों में समय अवधि का क्रय करके विज्ञापन अपने प्रोडक्ट का परिचय कराता है। समय समय पर उत्पादक नए-नए उत्पाद बाजार में लाते हैं। जिससे वे पहले से ही विद्यमान उत्पादों से प्रतियोगिता कर सके। नए उत्पाद या नए ब्रांड का विज्ञापन अति आवश्यक है जिससे ग्राहक उत्पाद का परिचय प्राप्त कर सके। उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके।

२. ध्यान आकर्षित करना

एक ही श्रेणी के अनेकानेक उत्पाद बाजार में उपलब्ध होते हैं। अतः मात्र परिचय काफी नहीं है अपितु उपभोक्ता का ध्यान भी आकर्षित कराना नितांत आवश्यक है। इसके लिए सरल रोचक शब्दों आकर्षक नारों एवं सुंदर चित्रों का प्रयोग किया जाता है।

३. क्रय इच्छा जगाना

उपभोक्ता को पहचान कर या पता लगाया जाता है कि उपभोक्ता के आदर्श कौन हैं इन्हीं आदर्श व्यक्ति द्वारा किसी वस्तु विशेष की प्रशंसा कराई जाती हैं। अपने आदर्श व्यक्ति द्वारा किसी वस्तु या सेवा की प्रशंसा जब उपभोक्ता सुना था एक देखता है तो उसमें उपभोग के लिए स्वत: प्रेरित होता है।

४. रुचि प्रभावित कराना:

विज्ञापन का एक उद्देश्य लोगों की रूचि यों को प्रभावित करना है। पिगमीट ज्यादा प्रचलित नहीं था लेकिन पोलो के अत्याधिक प्रभाव विज्ञापन और पिपनन नीति ने इस मिथक को तोड़ दिया। अंकल चिप्स हाजमोला कैंडी पेनजोन का स्वाद आज उपभोक्ताओं की रूचियों में शामिल हो चुके हैं।

५. विपणन में सहायता करना

विज्ञापन विपणन का एक सशक्त माध्यम है। बाजार में विभिन्न कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के इस युग में विज्ञापन के विभिन्न विपणन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पूर्व निर्धारित विपणन नीति को विज्ञापन के द्वारा ही मूर्त रूप दिया जाता है।

६. छवि निर्माण करना

विज्ञापन का महत्व पूर्ण उद्देश्य बाजार में विज्ञापन के उत्पाद सेवा या प्रतिष्ठान की छवि निर्माण करना होता है ताकि उपभोक्ताओं को विज्ञापन में विश्वसनीयता बढ़े वे निसंकोच उत्पाद एवं सेवा के उपभोग के लिए प्रेरित हो। छवि निर्माण के लिए संस्थागत विज्ञापनों का प्रयोग किया जाता है। इसमें कंपनी प्रतिष्ठान एवं सेवा की विशेषताओं एवं प्रतिबद्धताओं को प्रतिपादित किया जाता है।

७. विश्वसनीयता बढ़ाना

उत्पाद की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए भी संस्थागत विज्ञापनों का प्रयोग किया जाता है। इसमें उत्पाद या सेवा की विशेषताएं तथा उपभोक्ता को होने वाली संभावित लोगों का उल्लेख किया जाता है।

८. सामाजिक चेतना जागृत करना

परिवार कल्याण, रोगों से बचाव, बाल कल्याण, टीकाकरण, जनसंख्या नियंत्रण, प्रौढ़ शिक्षा, भ्रष्टाचार, उन्मूलन, दहेज प्रथा आदि से संबंधित विज्ञापन प्रसारित किए जाते हैं।

९. स्मृति बढ़ाना

एक अच्छा एवं प्रभाव कारी विज्ञापन वह होता है जो लोगों के मन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ें वह विज्ञापन योजना को मनुष्य के हृदय को छूती है अपना दूरगामी प्रभाव छोड़ती है भावुकता और किसी चीज से जुड़ना उसकी याद को बढ़ाते हैं। जिसे एडरीकल कहते हैं। फिलिप्स का आओ बेहतर कल, कोका कोला का ठंडा मतलब कोका कोला।

१०. विचार परिवर्तन करना

व्यक्ति या व्यक्ति समूह के विचारों में परिवर्तन लाना भी विज्ञापन के उद्देश्यों में शामिल हैं। विज्ञापन के द्वारा ही कोई संस्था या संगठन व्यक्ति के पुराने विचारों को अपने नवीन विचारों से प्रति स्थापित करता है।

११. माध्यमों का विकास करना

विज्ञापन का एक अप्रत्यक्ष उद्देश्य समाचार पत्रिकाओं एवं अन्य माध्यमों का विकास करना भी है। विज्ञापन संचार माध्यमों के विकास की आधारशिला है। विज्ञापन पत्र पत्रिकाओं में विज्ञापन प्रकाशन की लगत को वाहन करते हुए पाठकों के लिए इनकी उपलब्धता कम मूल्य पर करते हैं ताकि अधिक से अधिक पाठक इनका लाभ उठा सकें।
इसी प्रकार रेडियो ऐप टीवी पर कार्यक्रमों के लिए प्रस्तुति प्रयोजनों एवं विज्ञापन दाताओं के बिना संभव नहीं है। स्पष्ट है कि विज्ञापन एक और व्यवसाय क्षेत्र में उत्पादन सापने का प्रमुख अंग है तो दूसरी ओर पत्र पत्रिका की वृद्धि का एवं उनमें विकास का मुख्य स्रोत है।

१२. ब्रांड की विशिष्टता को बढ़ावा देना

कुछ उत्पादों के विषय में ग्राहकों के मन में एक विशेष गुण के विद्यमान होने की इच्छा रहती हैं। इसी गुण के आधार पर बहुत से ब्रांडो में से अमुक ब्रांड को ही चुनने का वे निर्णय देते हैं। यदि उत्पाद में फागुन विद्यमान होता है तो विज्ञापन द्वारा उस गुण की विशेषता को रेखांकित किया जाता है। तथा उसके लाभ को प्रदर्शित किया जाता है। इसी प्रकार यदि उत्पाद में एक विशिष्ट गुण हैं जिसको उपभोक्ता के लिए वांछनीय लाभ से जोड़ा जा सकता है तो विज्ञापन इस गुण को रेखांकित करने अर्थात भागने के लिए प्रयोग किया जाता है।

१३. विक्रेताओं को सहयोग देना

समाचार पत्रिकाओं में बहुत से ऐसे विज्ञापन देखने को मिलते हैं जिनमें विक्रेताओं तथा वितरकों की सूची भी प्रकाशित की जाती है। इस सूची के प्रकाशन से विक्रेताओं एवं वितरको की बिक्री बढ़ती है और उन्हें लाभ होता है।

विज्ञापन के विविध माध्यम (vigyapan ke vividh madhyam kya hai)

विज्ञापन का मुख्य लक्ष्य ग्राहक उपभोक्ता या अन्य लोगों का ध्यान आकर्षित कर जनमत को अपने पक्ष में समर्थन के लिए तैयार करना। इसके लिए जिन विभिन्न रूपों को विज्ञापन के लिए अपनाया जाता है वे ही विज्ञापन के माध्यम कहलाते हैं
“विज्ञापन का माध्यम वह साधन यह संचार है जिससे विज्ञापन या विज्ञापित संदेश किसी व्यक्ति या समुदाय तक उन्हें प्रभावित करने के उद्देश्य से पहुंचाया जाता है।”
       किसी उत्पाद अथवा सेवा के संबंध में जानकारी देने या उनके प्रचार प्रसार के लिए निम्नलिखित माध्यमों का सहयोग लिया जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया electronic (रेडियो टीवी इंटरनेट)

विज्ञापनों के लिए यह सबसे सशक्त माध्यम है क्योंकि इनके जरिए विज्ञापन हर वर्ग के लोगों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। विज्ञापनों को कर्णप्रिय और दर्शनीय बनाने के लिए उच्च तकनीकों का सहारा लिया जाने लगा है। जिंगल के बोल और धुन एसे होती है कि लोग उन्हें गुनगुनाए जिससे विज्ञापनों को कुछ और लोगों तक पहुंचाने तथा लंबे समय तक याद रखने का एक और माध्यम मिल जाए। कई लोकप्रिय जिंगल वर्षों बाद आज भी लोगों के मुख से सुने जा सकते हैं।

इंटरनेट(internet)

इंटरनेट एक अपेक्षाकृत नया माध्यम हैं जो विज्ञापनों को लोगों तक पहुंचा सकता है। कई साइट ऐसे हैं जिनको खोलते ही सबसे पहले विज्ञापन नजर आ जाते हैं।

मोबाइल फोन (mobile phone)

mobile phone के जरिए विज्ञापनों को लोगों तक पहुंचाने के लिए अब इनका उपयोग भी आरंभ हो चुका है कई कंपनियां अपने नियमित ग्राहकों उपभोक्ताओं अथवा ऐसे ग्राहक जो एक बार उनकी वस्तुओं को खरीद चुके हो और कंपनी के रिकॉर्ड मैं उनका मोबाइल नंबर दर्ज है तो कंपनी के नए उत्पाद के विषय में विशेष छूट दे जाने की जानकारी के संबंध में मोबाइल पर सूचना भेजती हैं। इसके अलावा अनेक कंपनियों नये ग्राहक बनाने के लिए मोबाइल पर संदेश भेजती हैं या जोर करती है। इनमें बीमा कंपनियों, मॉल, कार कंपनियां और उच्च वर्गीय के लिए बनाए जाने वाले उपभोक्ता वस्तुओं की निर्माण कंपनियां प्रमुख है।

E-mail

आज के आधुनिक युग में विज्ञापन की मांग इतनी बढ़ चुकी है कि लोग किसी कंपनी से किसी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी को खरीद लेते हैं और उन E-mail में ईमेल कर अपने विज्ञापन का प्रचार करते हैं। जिससे वे सीधे रूप से ग्राहक से बात कर सकते हैं।

दुकान ( Shop)

डिपार्टमेंट स्टोर पर विभिन्न कंपनियां अपनी वस्तुओं के विभिन्न विभिन्न आकारों के पोस्टर बनवाती हैं जिन्हें दुकान और डिपार्टमेंट स्टोरों पर ऐसी जगहों पर टांग या चिपकाया जाता है कि ग्राहकों का ध्यान आसानी से उस ओर चला जाए। यह इस बात का भी संकेत है कि इन दुकानों में वे वस्तुएं उपलब्ध है। कई बार इन पोस्टरों को झंडी के रूप में तार से बांधकर लटका दिया जाता है। जिससे लोगों का ध्यान उन पर जाता है। कई जगह पर वीडियो पर भी विज्ञापन फिल्म चलती रहती है।

प्रिंट मीडिया (print media)

प्रिंट मीडिया का दौर बहुत पहले से ही चलता आ रहा है आजकल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का दौर है फिर भी प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को पीछे छोड़ देती है क्योंकि लोग आज भी प्रिंट मीडिया पर भरोसा करते हैं।

समाचार पत्र( newspaper)

समाचार पत्र विज्ञापन के लिए एक ऐसा माध्यम है जो हर घरों को बहुत ही आसानी से अपनी जानकारी दे सकता है लेकिन विज्ञापन के लिए समाचार पत्र में उन्हें स्थान खरीदना होता है और उनके अच्छी खासी कीमत भी चुकानी होती है। फिर भी समाचार पत्र लोगों तक अपने कंपनी के बारे में बताना तथा लोगों को अपने वस्तुओं के बारे में जानकारी देना बहुत ही आसान होता है।

पत्रिका

कुछ सप्ताहिक तो कुछ मासिक पत्रिकाएं होती है कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पत्रिकाएं पढ़ना बहुत पसंद करते हैं इन्हीं का फायदा उठाते हुए कुछ विज्ञापनदाता उन पत्रिकाओं में अपना विज्ञापन भी दे देते हैं ताकि लोग उनके प्रोडक्ट के बारे में भी जान सके और उन्हें खरीदने के लिए उत्साहित करें।

पोस्टर या दीवार

विज्ञापन का यह सबसे अच्छा माध्यम है जब कंपनी को नया प्रोडक्ट लॉन्च करती है तो उन्हें बड़े-बड़े पोस्टरों में या दीवारों में ऐसी जगह लगाई जाती है जहां लोग आते जाते हो और लोगों की नजर एक बार के लिए उन पोस्टर या दीवार पर जाता हो जिससे लोगों को उस कंपनी के नए प्रोडक्ट्स के आने की जानकारी मिल सके और लोगों तक उन प्रोडक्ट को पहुंचाने में उन पोस्टरों का या दीवारों का बहुत बड़ा योगदान होता है।

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